यहाँ पर हम आसान और सरल शब्दों में विद्यार्थियों के लिये गाँधी जयंती पर निबंध(Gandhi Jayanti Essay) उपलब्ध करा रहें हैं जिसका प्रयोग विद्यार्थी विभिन्न अवसरों या प्रतियोगिताओं में अपनी जरुरत के आधार पर कर सकते है।
अगर आप भी अपने विद्यालय या कार्यस्थल पर Gandhi Jayanti Essay लिखना चाहते हैं तो निचे दिए गए Best 3 Gandhi Jayanti Essay In Hindi 2022 में से इसका चुनाव कर सकते हैं|
Gandhi Jayanti Essay
250 Words Gandhi Jayanti Essay
2 अक्टूबर हर साल देश के राष्ट्रपिता के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है और इनको बापू के नाम से भी बुलाया जाता है। इस दिन बापू को श्रद्धांजलि देकर याद किया जाता है। साथ ही 2 अक्टूबर राष्ट्रीय उत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। गांधी जयंती पर विशेष रूप से पूरे देश में सरकारी अवकाश होता है और स्कूलों में निबंध(Gandhi Jayanti Essay) प्रतियोगिता भी आयोजित होती है।
साथ ही 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अहिंसा के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रुप में भी घोषित किया गया है। महात्मा गांधी ने देश की स्वतंत्रता में दिए योगदान को कोई नहीं भूल सकता। बापू ने अंग्रेजों के खिलाफ अपनी सारी जिंदगी संघर्ष कर देश को आजादी दिलवाई और पूरी जिंदगी देश के लिए अर्पित कर दी। आज के दिन बापू शांति, अहिंसा और सच्चाई के रुप में याद किए जाते है।
इस दिन सरकारी अधिकारियों द्वारा दिल्ली के राजघाट पर तैयारियां की जाती हैं। राजघाट महात्मा गांधी का समाधि स्थान है। इस दिन राजघाट के समाधि स्थल को फूलों से सजाया जाता है और देश के सभी नेता राजघाट पर आकर देश के राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देते है।
समाधि के स्थान पर 2 अक्टूबर को सुबह प्रार्थना भी होती है और महात्मा गांधी जी के द्वारा दिए गए बलिदान को याद किया जाता है। देश को आजादी दिलाने के अनोखे तरीके को भी याद किया जाता है। क्योंकि बापू ने हमेशा अहिंसा का रास्ता चुना और अहिंसा का रास्ता चुनने की सीख दी।
450 Words Gandhi Jayanti Essay
इस साल देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153 वीं जयंती मनाएगा। हर साल महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर पूरे देशभर में कई प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है| गांधी जयंती 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर हर साल मनाई जाने वाली भारत की महत्वपूर्ण राष्ट्रीय इवेंट्स में से एक है। यह स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों, समुदायों, समाज और अन्य स्थानों में कई उद्देश्यपूर्ण गतिविधियों का आयोजन करके मनाया जाता है।
भारत की आजादी में महात्मा गाँधी का मुख्य योगदान रहा| महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर को 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था| महात्मा गाँधी के पिता का नाम करमचंद गाँधी था और माता का पुतलीबाई था| महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाधी था जिन्हे ‘बापू’ ‘राष्ट्रपिता’ आदि कई नामों से लोग जानते है।
महात्मा गांधी के बारे में वैसे तो ज्यादातर बातें हम सभी को पता हैं। उनका जन्म, देश को आजाद कराने के लिए उनके सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांत, विश्व में उनके कीर्तिमान और उनकी हत्या पर आइए उनके जीवन के कुछ पहलुओं के बारे में बात करते हैं। जैसे अमेरिका की टाइम मैगजीन ने 1930 में राष्ट्रपिता बापू को ‘मैन ऑफ द ईयर’ के अवार्ड से नवाजा था। संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर वाले दिन यानी उनके जन्मदिन को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के नाम से मनाने का फैसला किया।
बापू को महात्मा की उपाधि रवींद्र नाथ टैगोर ने दिया था। गांधी जी (Mahatma Gandhi) ने अपना जीवन सत्य की व्यापक खोज में समर्पित कर दिया था । उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी स्वयं की गलतियों और खुद पर प्रयोग करते हुए सीखने की कोशिश की।
उन्होंने अपनी आत्मकथा को सत्य के प्रयोग का नाम दिया था। बापू के विचार (Mahatma Gandhi Quotes) देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करते हैं। गांधी जी के विचारों को अपनाकर हम भी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चल सकते हैं और अपने जीवन को बदल सकते हैं। बापू के विचार दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करते हैं।
यह तो हम सब जानते हैं कि देश को आजाद करवाने में बापू का योगदान बहुत बड़ा है। उनको याद करने के साथ साथ उनके तरीके को भी सब याद करते है। गांधी जी ने देश के इतने बड़े आंदोलन की शुरुआत अहिंसा, सच्चाई और शांति के बलबूते से की थी। इन सिद्धांतों के बल से बापू ने देश को आजाद करवाया है।भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1996 में अपनी शुरुआत के बाद से महात्मा गाँधी की छवि प्रदर्शित करके बैंक नोट जारी किये।
1000 Words Gandhi Jayanti Essay
प्रस्तावना :
गाँधी जयंती एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष मनाया जाता है। पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में भी इसे मनाया जाता है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में गाँधी जयंती को घोषित किया गया है।
मोहनदास करमचन्द गाँधी (2 अक्टूबर 1869 में जन्म) के जन्म दिवस को याद करने के लिये पूरे देश में गाँधी जयंती को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है। इनका जन्म एक छोटे से तटीय शहर (पोरबंदर, गुजरात) में हुआ था।उनके भारतीय स्वतंत्रता के लिये किये गये अहिंसा आंदोलन से आज भी देश के राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ देशी तथा विदेशी युवा नेता भी प्रभावित होते है।
गाँधीजी का व्यक्तिगत जीवन:
गाँधी के पिता ब्रिटिश राज की अधीनता में काम करने वाले एक स्थानीय सरकारी अधिकारी थे, और उनकी माँ एक धार्मिक भक्त थीं, जो परिवार के बाकी सदस्यों की तरह – हिंदू धर्म की वैष्णववादी परंपरा में प्रचलित थीं। गांधी ने अपनी पत्नी, कस्तूरबा से विवाह किया, जब वह 13 वर्ष की थी, और एक साथ उनके पांच बच्चे थे।
उनका परिवार भारत में रहा, जबकि गांधी कानून का अध्ययन करने के लिए 1888 में लंदन गए और 1893 में इसका अभ्यास करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए। वह 1897 में उन्हें दक्षिण अफ्रीका ले आए, जहाँ कस्तूरबा उनकी सक्रियता में उनकी सहायता करती थीं, जो उन्होंने 1915 में परिवार के भारत वापस चले जाने के बाद करना जारी रखा।
गाँधी जयंती का उत्सव:
सरकारी अधिकारियों द्वारा नई दिल्ली में गाँधीजी की समाधि या राजघाट पर बहुत तैयारियों के साथ गाँधी जयंती मनायी जाती है। राजघाट के समाधि स्थल को फूलों की माला तथा फूलों से सजाया जाता है तथा इस महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। समाधि पर सुबह के समय धार्मिक प्रार्थना भी रखी जाती है। इसे पूरे देशभर में स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थीयों के द्वारा खासतौर से राष्ट्रीय उत्सव के रुप में मनाया जाता है।
महात्मा गाँधी के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित नाट्य ड्रामा, कविता व्याख्यान, गायन, भाषण, निबंध लेखन (Gandhi Jayanti Essay) तथा दूसरी प्रतियोगिता में भाग लेना जैसे प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता आदि के द्वारा विद्यार्थी इस उत्सव को मनाते है। उनकी याद में विद्यार्थीयों के द्वारा गाँधी का सबसे प्रिय गीत “रघुपति राघव राजा राम” भी गाया जाता है।
इस दिन सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र को पुरस्कृत किया जाता है। वह बहुत सारे राजनीतिक नेताओं खासतौर से देश के युवाओं के लिये प्रेरणादायी और अनुकरणीय व्यक्ति है। दूसरे महान नेता जैसे मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला, जेम्स लॉसन आदि महात्मा गाँधी की अहिंसा और स्वतंत्रता की लड़ाई के लिये शांतिपूर्ण तरीकों से प्रेरित हुए।
गाँधीजी द्वारा किये गए कार्य :
महात्मा गांधी ने अपने जीवन के माध्यम से सभी महान कार्य किए जो आज भी इस आधुनिक युग में लोगों पर प्रभाव डालते हैं। उन्होंने स्वराज को प्राप्त करने के लिए, समाज से अस्पृश्यता के रीति-रिवाजों को दूर करने, अन्य सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन, महिलाओं के अधिकारों को सशक्त बनाने, किसानों की आर्थिक स्थिति को विकसित करने और कई और अधिक प्रयासों के साथ काम किया है।
उन्होंने 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भारत के लोगों को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाने में मदद करने के लिए तीन आंदोलन चलाए। उनका भारत छोड़ो आंदोलन भारत छोड़ने के लिए ब्रिटिशों का आह्वान था।
सविनय अवज्ञा का सही अर्थ नागरिक कानून में गिरावट है, विशेष रूप से कुछ मांगों के लिए असहमति के रूप में। महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध करने के लिए अहिंसात्मक तरीके के रूप में सविनय अवज्ञा का इस्तेमाल किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान कई कठोर अवज्ञा आंदोलनों की शुरुआत की और ब्रिटिश सरकार के कई कठोर अधिनियमों और नीतियों का विरोध किया। सविनय अवज्ञा एक कारण था जिसकी वजह से भारत की स्वतंत्रता बनी।
1916 में, महात्मा गांधी को भारत के बिहार के चंपारण जिले में हजारों भूमिहीन किसानों और नौकरों के नागरिक सुरक्षा के आयोजन के लिए कैद किया गया था। 1916 के चंपारण सत्याग्रह के माध्यम से, महात्मा गांधी ने किसानों और नौकरों के साथ विध्वंसक बिखराव के दौरान अंग्रेजों द्वारा किसानों पर लगाए गए कर (लगान) का विरोध किया।
अपनी दृढ़ निश्चय के साथ, गांधी ने 1930 में ब्रिटिशों को समुद्र में 440 किमी लंबी पैदल यात्रा के साथ झटका दिया। यह मूल रूप से ब्रिटिश नमक एकाधिकार से लड़ने और भारतीयों को ब्रिटिश मजबूर नमक कर की अवहेलना करने के लिए नेतृत्व करने के लिए था। दांडी नमक मार्च इतिहास में रखा गया है, जहां लगभग 60,000 लोगों ने विरोध मार्च के परिणाम को कैद किया है।
गाँधीजी की मृत्यु:
जनवरी 30, 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा गाँधी की हत्या कर दी गयी थी । एक हिंदू राष्ट्रवादी नाथू राम गोडसे ने बापू जी की छाती में तीन गोलियां दागी और पुरे देश में दुःख और अँधेरा फैलाया। 15 नवम्बर को नाथूराम और उसके साथी नारायण आप्टे को फांसी दे दी गयी। पुरे देश में आज भी उनके नुकसान का शोक मनाया जाता है। गाँधी जी की हत्या नई दिल्ली के बिरला हाउस में की गई थी जिसे अब गाँधी स्मृतीं कहा जाता है।
नई दिल्ली में आयोजित महात्मा गाँधी के अंतिम संस्कार में लगभग 10 लाख लोग शामिल हुए थे और उनका शव यात्रा 8 किलो मीटर लंबी थी जो घंटों तक चली उनकी अंतिम यात्रा के दौरान उनके शारीर को राष्ट्रीय ध्वज से लपेटा गया था। ग्रेट ब्रिटेन, जिस देश के खिलाफ उन्होंने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, गाँधी के मृत्यु के 21 साल बाद उन्हें सम्मानित करते हुए एक डाक टिकट जारी किया गया। भारत में 53 प्रमुख सडकें हैं और भारत के बाहर 48 सडकें हैं जो गाँधी जी के नाम पर हैं।
निष्कर्ष:
गांधी जयंती का जश्न मनाने का उद्देश्य महात्मा गांधी के दर्शन, सिद्धान्तों और उनके विचारों को लोगों तक पहुँचाना है और दुनिया भर में लोगों में अहिंसा और विश्वास की भावना उत्पन्न कराना है। इन तरीकों से, हम हर साल हमारे महान नेता को दिल से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम बापू को हर गांधी जयंती पर उनके महान कर्मों के लिए याद करते हैं।
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